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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-50)








- त्रुटि होगी तो बाद में अपडेट कर दूंगी .....

🦋🦋🦋

पिछले भाग में आपने पढ़ा था की अब सब लोग डलहौजी से निकल चुके होते है और साथ में ट्विंकी भी .......लंबा सफर होता है इसलिए पुरे रास्ते हंसते - गाते हुए कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता है , 

शाम का समय हो चुका होता हैं ,..सिर्फ कुछ देर में ही सब लोग घर  पहुंचने वाले होते है  की नील कहता है ,
नील -( कान से लीड निकालकर ) मिस्टर ऋषभ इफ यू डोंट माइंड हम दोनो अपने घर जाना चाहते है ....
.
( उसकी बात सुनकर सब उसे देखने लगते है तो अवनी कहती है )
अवनी - भाई तुम चले जाना पर सुबह ...अभी देखिए शाम हो गई है इसलिए नही ....
नील - पर दी...
( देव बीच में ही )
देव - आपको जाना है तो जाओ .....वैसे भी मुझे सभी लोगो की आदत हो चुकी 😒पता नही क्या होगा मेरा आप लोगो के बिना ......
( ये बात सुनके सब थोड़े हैरानी से देखने लगते को अगले ही पल देव हंस कर कहता है )
देव - अरे यार मजाक कर रहा हु 😄😄वैसे भी जब मेरा मन होगा मैं आता जाता रहूंगा ठीक है ?
अवनी - ( मुस्कुराते हुए ) ठीक है 🦋
आनंद -( दुखी होते हुए ) पता नही मेरा क्या होगा देव के बिना.....
खुशी -( उसकी तरफ देखकर ) ऐसा करिए आशी की जोड़ी खत्म करके देवानंद की जोड़ी बना देते है 🙄....
आनंद -( खुश होकर ) गुड आइडिया ...
( खुशी उसे घूरने लगती है तो आनंद कहता है )
आनंद - आप ज्यादा प्यारी लगती है ऐसे घूरते हुए। 😍....
खुशी -( मुक्का मारकर ) चुप हो जाइए .....
आनंद - ( सामने देखते हुए ) आपको तो हम आज कमरे में बताते है 🙄🙄.....
खुशी - देखते है कौन किसको बताता है। 🙄....
..
( दोनो फिर  ऐसे ही बहस शुरू कर देते है तो रिया कहती हैं )

रिया -( हंसते हुए ) अरे बंद करो बहस ....वरना अब कौन  टूटेगा फूटेगा नहीं पता ....

(टूटने फूटने वाली बात सुनकर सब हंसने लगते है सिवाय नील , ऋषभ और  ट्विंकी के तो ........ट्विंकी कहती है )
ट्विंकी - क्या हुआ आप सब लोग हंस क्यों रहे ?

( ये सुन आदि   उसे सारा सफर बताता है ....बस में तारीफो की बात से लेके , विहान का टूटना फूटना और मेमने से डर की बात से लेके देव का ड्रामा करने वाली बात जिसे सुनकर विहान ने रोना शुरू कर दिया था ......ये सब सुनने के बाद ट्विंकी ...विहान की तरफ देखने लगती है तो वो खिड़की की तरफ देखने लगता है ....उसे ऐसे पाते देख ट्विंकी  उसकी उंगलियों में अपनी उंगली फंसा लेती है और उसे चूम के उसके कंधे पर सर रख लेती है ....विहान जब ये देखता है तो मुस्कुरा देता है ........पीछे बैठा ये ऋषभ सब कुछ देखता है और  हल्का से मुस्कुरा कर अवनी को देखता है जिसने अपना पैर नीचे लटका लिया होता है ....ऋषभ फिर अपनी जगह से उठता है और अवनी के बगल में बैठकर कहता है,
ऋषभ - आपका पैर ठीक है ....?
अवनी -( पैरो को देखकर ) हां अभी तक तो ठीक है ......बस चलने के टाइम पर इन्हें दिक्कत हो जाती है ....
ऋषभ - शायद ये चाहते है की मैं हमेशा आपको गोद में लेकर चलु.....
अवनी -( उसकी तरफ देखकर )ऐसा कुछ भी नहीं होगा अब ........
( और फिर वो खिड़की से बाहर देखने लगती है , अंधेरा हो चुका होता है तो अब बस में लाइट ऑन हो गई होती है .......ऋषभ उसकी तरफ देखता है और कहता है )

ऋषभ - आपने परी से बात की ,?
( परी वाली बात सुनके अवनी उसकी तरफ़ मुड़ती है और कहती है )
अवनी -( सर नीचे करके ) नहीं ...इन सब चक्करो में  परी से बात करना भूल गए हम...( परेशान होकर ) ओह गॉड अब तो मानने वाली  नही है ....पता है ना बहत जिद्दी है वो .....( ऋषभ का फोन लेकर ) आप कॉल कीजिए ना .......
ऋषभ - ( अवनी को शांत कराते हुए ) मैने बात कर ली है और वो मेरी छोटी गुड गर्ल मान भी गई है ....:..( 😏) आपकी तरह नहीं है जो जिद्दी बन जाए ........
अवनी - ( घूरते हुए )हम ज़िद्द नहीं करते है .......

( अवनी के ऐसे कहने पर ऋषभ के जिस हाथ में चोट लगी हुई थी उसी मैं उसकी उंगलियों को फंसा लेता है और हल्के से कस के पकड़ लेता है .....उसके ऐसे करने से  अवनी अपना हाथ पीछे करने लगती तो ऋषभ का दर्द के मारे आहे निकल जाती है ...जिसे सुन अवनी अपना हाथ हिलाना बंद कर लेती है और स्थिर होकर उसकी  तरफ देखने लगती है तो वो कहता है ,)

ऋषभ - बस इसी तरह बैठे रहिए ......
अवनी - ( शान्ति से ) आपके हाथ में दर्द नही हो रहा .....प्लीज छोड़ दीजिए वरना और पेन होगा ....

( ऋषभ सीट पर सर टिकाए हुए और आंखे बंद करके कहता है )
ऋषभ - अब पेन नही हो रहा ....
( इतना कहके फिर वो उसका हाथ और कसके पकड़ लेता है तो अवनी हल्की सी आह निकाल देती है .....उसे सुन  ऋषभ कहता है )
ऋषभ - क्या हुआ .....आपके हाथ में दर्द है क्या ?
अवनी -( ऋषभ के हाथ पर दूसरा हाथ रखकर हैरानी से ) नही .....आपको सच में दर्द नही हो रहा क्या ?
ऋषभ -( मुस्कुराते हुए ) कहा तो अब नही हो रहा...अब आप भी कुछ देर आंखे बंद कर लिजिए ......
(ऋषभ फिर पकड़ थोड़ी सी ढीली कर लेता है और आंखे बंद किए हुए ही बस में चल रहे गाने को महसूस करने लगता है ).

मोहब्बत से ज्यादा मोहब्बत है तुमसे
मोहब्बत से ज्यादा मोहब्बत है तुमसे
यह दिल कह रहा है कसम से कसम से
तुम्हे चाहती हूँ मैं चाहत से ज्यादा
तुम्हे चाहती हूँ मैं चाहत से ज्यादा
यह रब जानता है कसम से कसम से
मोहब्बत से ज्यादा............

( सब लोग भी ऐसे ही बैठे होते है.....आगे आनंद गाने पर गाने चेंज करता रहता है जिसे सुन अवनी को एक अलग सी मिचलन होने लगती है .....,ऊपर से ऋषभ ने हाथ पकड़ रखा होता है तो उसको धड़कने पूरी तेज चल रही होती है तभी वो ...परेशान होकर कहती है )
अवनी - ( प्यार से ) देवर जी प्लीज आप सोंग्स बंद कर देंगे क्या ....
ऋषभ -( उसकी तरफ देखकर ) क्या हुआ ?
अवनी -( दूसरी साइड चेहरा करके) कुछ नही ...बस ये सोंग्स नहीं सुनना प्लीज .....

( अवनी के ऐसे कहने पर ऋषभ ...आनंद को इशारे में ही ऑफ करने के लिए कह देता है , गाना बंद हो जाता  है तो अवनी अपनी आंखे बंद कर लेती है जिसे देख आदि कहता है )
आदि - ( अपनी सीट से ही ) अवनी तुम ठीक तो हो .....तुम्हारे माथे पर ये इतना पसीना कैसे ...

( अवनी ये सुन अपने माथे का पसीना पोंछ लेती है तो ऋषभ उसे ऐसे देख हाथ छोड़ देता है और कहता है )

ऋषभ - आपने अपनी मेडिसिन ली थी ?

( अवनी ना में सर हिला देती है , तो ऋषभ उसे घूरने लगता है पर फिर नॉर्मल होकर कहता है )
ऋषभ - क्यों नही ली ....मैने क्या मना किया था ?
अवनी - ( धीरे से ही ) ना .....बस भूल गई .
ऋषभ -( उसकी तरफ देखकर ) आप कुछ ज्यादा ही भूल रही ......कही भूलने की बीमारी तो नही हो गईं है ना .....
अवनी -( घूरते हुए ) आप हमारे साथ मजाक मत करिए ...
ऋषभ - मजाक तो आपने अपना बना रखा हैं....अब तो लग रहा आपके लिए हर चीज का टाइमटेबल बनाना पड़ेगा .....
अवनी - हमे नहीं चाहिए ...आप खुद ही फॉलो करना ..
ऋषभ - मित्र जी अब आपको मेरी बात तो सुननी होगी

अवनी -( घुरते हुए ) ये क्या आप खुद को तीन फॉर्म में लेकर घूम रहे ..कभी दोस्त , कभी बॉस और ( धीरे से ) कभी पति ...
ऋषभ - ओह मतलब अब आप मुझे नोटिस कर रही है चलिए मैं खुश हुआ .....वैसे आप मुझे पति मानती है ?

( इस बार अवनी कोई जवाब नही देती है और ऋषभ का हाथ खुद ही कसकर पकड़ लेती हैं तो वो कहता है )

ऋषभ - अरे मित्र जी दर्द हो रहा मुझे......
अवनी -( आंखे छोटी करके ) आपने हमसे झूठ क्यों बोला फिर ....
ऋषभ - वो ....वो बस.....अच्छा वो देखिए हमारा घर ...

( घर नाम सुन अवनी बाहर देखने लगती है तो ऋषभ अपना हाथ छुड़ा लेता है और आगे आनंद के पास जाकर कहता है )
ऋषभ - मुझे और अवनी को यही उतार दो और सब लोग जाओ...
( तभी पीछे से विहान कहता है )
विहान - क्यों भाई ?
ऋषभ - क्योंकि ....बस मैं चाहता हु ...तुम सब जाओ.....
विहान -( ऋषभ के कान में ) भाई आप पता बहत ज्यादा बदल गए हो .....( मुस्कुराते हुए ) प्यार वयार का चक्कर है ना.......
ऋषभ -( कान मरोड़ के ) तुम्हारे प्यार के लिए ही डलहौजी गया था तो शांत रहो .....

( तभी पीछे से अवनी कहती है )

अवनी - ( शांति से ) कोई कही नही जायेगा ....( ऋषभ से ) रात हो गई है इस वक्त नही ..….
ऋषभ - हम्मम….....

( और फिर सब लोग घर के सामने पहुंच जाते है , बस के आने की आवाज सुन गार्ड डोर ओपन कर देता है और बस अंदर आ जाती है .....फिर सब लोग बारी बारी से उत्तर जाते है तो देवानंद एक साथ अंगड़ाई लेते हुए कहते है )
देवानंद - चलो अच्छा है इतने दिनों बाद ये चिड़िया अपने घोसलो पर पहुंचे है ....( देव से ) कैसा लग रहा ?
देव - सुकून मिल रहा है .....

( अंदर बस में ट्विंकी और अवनी अभी भी बैठी होती है तो ट्विंकी कहती है ,)

ट्विंकी - तुम मेरा हाथ पकड़ लो ....फिर चलते है 
अवनी - हम्मम ......

( ट्विंकी फिर अवनी का हाथ पकड़ लेती है और दोनो जैसे ही गेट के पास पहुंचती है ऋषभ ....अवनी को पकड़ लेता है और गोद मे लेकर ट्विंकी से कहता है )

ऋषभ - अंदर विहान का फोन चार्जिंग में लगा है उसे लेते आना.....
( और जाने लगता है तो ट्विंकी कहती है )
ट्विंकी - यस सर ....
ऋषभ - ( वही रुक के ) जैसे में खुशी के लिए भाई हु उसी तरह तुम्हारे  लिए भी ओके ...
ट्विंकी - ( मुस्कुराते हुए ) हां भाई .....

( और फिर ऋषभ अंदर बढ़ने लगता है तो अवनी कहती है )
अवनी - आप नीचे उतार दीजिए हमें बस अपना हाथ पकड़ने दीजिए .....
ऋषभ -( उसकी तरफ देखकर ) ठीक है ....

(  फिर अवनी उसकी गोद से संभल कर उतर जाती है और उसकी कमर पकड़ कर चलने लगती है तो सामने जो देखती है उससे उसके कदम वही रुक जाते हैं .. ...अवनी को ऐसे रुकते देख ऋषभ  कहता है )
ऋषभ - क्या हुआ ...अभी दर्द हो रहा क्या ?
अवनी - ( सामने दिखाते हुए ) ये देवर जी क्या कर रहे ....
( पीछे जब सब लोग देखते है तो सबके कदम वही रुक जाते है .... ट्विंकी मुस्कुराते हुए आ रही होती है पर जैसे ही उसकी नजर सामने जाती हैं उसके हाथ से फोन नीचे गिर जाता है ......आगे ऋषभ ...विहान को किसी लड़की से गले लगाए देखता है तो एक बार ट्विंकी को देखता है और फिर आनंद जो विहान के पास पहुंच रहा होता है उसे रोक कर कहता है )
ऋषभ - आनंद ...अपनी भाभी को संभालो .... मैं देखता हु ...
( ऋषभ फिर अवनी को छोड़ आगे विहान के पास चला जाता है पीछे ....अवनी.... आनंद से कहती है )

अवनी - ये आप लोगो की कोई नहीं बहन ?
आनंद -( सामने देखते हुए ) इस नालायक को बहन बनाना तो चाहते है पर बनती नहीं ....
अवनी - ( हंसते हुए) क्या बोल रहे है आप ये कौन है ?
आनंद - रितिका ....विहान भाई की कॉलेज फ्रेंड और ...
( आनंद फिर चुप हो जाता है तो अवनी कहती है " और क्या " ?)
आनंद - वो भाभी .....ये ऋषभ भाई  की दीवानी है ....( अवनी की तरफ मुस्कुराते हुए देख कर ) अपने पति को जरा संभाल कर राखिए गा ......
( अवनी ये सुन उसकी तरफ देखने लगती है , अब रितिका .... विहान को छोड़ ऋषभ से गले लगने जाती है तो ऋषभ थोड़ा हट जाता है ...ये देख पीछे खड़ी अवनी हल्का सा मुस्कुरा देती है तो आनंद कहता है)

आनंद - चलो भाभी .....अब भाई सेफ है 😂😂
अवनी - ये यहां क्यों आई है ?
आनंद - मैं पूछ कर आता हु ....
अवनी - फिर मैं भी चलती हु ......

( आनंद हम्मम कहके एक कदम आगे बढ़ाता है तो ऋषभ इशारों से ही दोनो को रुक जाने के लिए कह देता है .......उधर ऋषभ के इशारे को देख रितिका .....अवनी की तरफ देखने लगती है और मुस्कुरा के ऋषभ के पास आकर कहती है )

रितिका - ( मुस्कुराते हुए ) तो ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड है या सिर्फ टाइमपास के लिए रख रखा है ?
ऋषभ - ( गुस्से में ) माइंड योर लैंग्वेज मिस रितिका ........( अवनी की तरफ उंगली करके ) " she is my wife "........
( उधर रितिका की बात सुनके अवनी को थोड़ा गुस्सा आ जाता है पर आंखो से आंसु बह जाते है ...जिसे ऋषभ ने देख लिया होता है तो रितिका से कहता है )

ऋषभ - तुम यहां इस टाइम क्या कर रही हो ?
रितिका -( विहान का हाथ पकड़कर )  मैं अपने दोस्त विहान से मिलने आई थी.......

( तभी सामने से खुशी आकर कहती है )

खुशी - हो गया मेल मिलाप .....अब आप जा सकती है ...
( सभी को उसकी इस हरकत पर गुस्सा आ रहा होता
है जो उसने अवनी को कहा था तो वो कहती है )

रितिका - कॉम डाउन गायिज ....मुझे सच में नही पता था की ऋषभ ने शादी कर ली और ये उनकी वाइफ है .....
विहान - ठीक है अब पता चल गया ना ...अब तुम जाओ ...
रितिका - ( घूरते हुए विहान से ) मैं इस टाइम कैसे घर जाऊ ...और पता है अनंत अंकल ने ही मुझे यहां भेजा था ताकि तुम लोगो लिए डिनर प्रिपेयर करवा सकू .....
ऋषभ - तुम्हे कैसे पता चला हम आ रहे?😡

( तभी आनंद पीछे से कहता है " भाई वो मैने बताया था डैड को की हम लोग आ रहे सिवाय ट्विंकी का ( मुस्कुराते हुए ) वो मां को सरप्राईज देना है ना इसलिए ........सब लोग उसकी तरफ देखने लगते है तो पीछे से संजना कहती है )
संजना -( आनंद से ) चिरकुट यहां इतना बड़ा सरप्राईज  मिल गया है ......लगता है आपकी बजेगी अब...
आनंद - अरे मेरी गलती कैसे हैं...
संजना - वो तो शुतुरमुर्ग और मिस्टर खडूस बताएंगे ....

( उन दोनो की बात सुन अवनी थोड़ा सा मुस्कुरा देती है और कहती है )

अवनी - देवर जी अपनी खुशी को पकड़िए वरना आज रितिका के सर पर एक भी बाल नही बचने वाले है ...सामने देखिए कैसे घूर रही उसे 

आनंद -( सामने देखते हुए) मतलब आज मेरी पहली क्लास मेरी चुड़ैल लगाने वाली है .....
अवनी - सच मे कैसे नाम रख रखे है सबके ...
संजना -( अवनी से मुस्कुराते हुए ) भाभी .....अपने मिस्टर खडूस का नाम याद है क्या जो आपने रखा हैं?

( अवनी बिना कोई जवाब दिए सामने ऋषभ को देखने लगती है जिसके जबड़े कभी ढीले हो रहे होते है तो कभी टाइट .....उधर किसी का भी ध्यान नही जाता है की ट्विंकी की क्या हालत हो रही होगी .....पीछे फोन जब गिर जाता है तो बगल में खड़ा हुआ नील उठाता है और ट्विंकी के हाथ में देकर कहता है )

नील - दी कभी कभी आंखे देखी चीजे सही नही होती तो आप कुछ गलत मत सोचिए ....

( ये सुन ट्विंकी ...नील की तरफ देखने लगती है तो नील कहता है)
नील - आप मिस्टर विहान से बात करिए .....

( ट्विंकी और नील थोड़े दूर खड़े होते है इसलिए उधर क्या बात हो रही ...वो लड़की कौन है इसका उन दोनो को नही पता चलता है )

तभी ट्विंकी कहती है ,
ट्विंकी - तुम सही कह रहे हो ....
नील  - वैसे भी दी मिस्टर विहान दूसरी लड़की के बारे मे सोच नहीं सकते क्योंकि आपके लिए उनका देवदास वाला रूप देखा है मैंने ....
( ट्विंकी हैरानी से नील को देख रही होती है क्योंकि वो वैसा बिल्कुल भी नही लग रहा होता है जैसा नैंसी ने बताया था ....वो उसे मुस्कुरा कर कहती है )

ट्विंकी - तुम खडूस तो नही लगते हो ....जैसा उसने मुझे  बताया ?
नील - किसने कहा ?

( ट्विंकी मुस्कुराते हुए कोई जवाब नही देती है और आगे बढ़ जाती है की तभी विहान भागते हुए उसके सामने खड़ा हो जाता है और हकलाते हुए कहता है )
विहान - वो ....वो जो भी आपने देखा प्लीज कुछ गलत ...

( ट्विंकी उसके मुंह पर हाथ रख देती है और कहती है )

ट्विंकी - मैने कुछ कहा क्या ....ट्रस्ट करती हु आप पर आई नो आप कभी कोई गलत काम नहीं करोगे ( हंसते हुए ) मेरे देवदास ...

( विहान मुस्कुराते हुए उसे गले लगा लेता है और फिर रितिका के पास जाकर कहता है )
विहान - ( ट्विंकी का हाथ पकड़े हुए ) ये मेरी जान .…..

( रितिका उन दोनो के हाथो को देखती है और कहती है)

रितिका - ओह कांग्रेट्स ......
( तभी देव कहता है )
देव - हटो यार सब सामने से ....क्या रास्ता ब्लॉक कर रखा है .....
,( देव जानबुझजकर  रितिका को धक्का मार देता है और कहता है )
देव - ऊप्स मैं सॉरी नहीं कहूंगा क्योंकि आपकी गलती थी ....
( और फिर देव अंदर चला जाता है तो पीछे खड़े आनंद , खुशी ,संजना उसे देखकर धीरे धीरे हंसने  लगते है की तभी ऋषभ आता है और अवनी को गोद में लिए हुए ही रितिका के सामने से घर में घुस जाता है ...रितिका उसे घूरते हुए अपनी मुठ्ठी भींच लेती है .....फिर सब लोग भी अंदर आ जाते है और फ्रेश होने चले जाते है ....सबका सामान भी नौकरों ने कमरे तक पहुंचा दिया होता है .....थोड़ी देर बाद सब लोग डिनर करने के लिए आ जाते है तो सबसे पहले ऋषभ बैठ जाता है और उसके बगल वाली सीट जिसपर अवनी बैठने जाती है तो रितिका उससे पहले बैठ जाती है और कहती है ,

रितिका - तुम सामने वाली चेयर पर बैठ जाओ ....

( अवनी उसकी तरफ देखने लगती है की ऋषभ अपनी चेयर  से उठ जाता है और अवनी का हाथ पकड़े हुए सामने की चेयर पर बैठ जाता है और खाना सर्व करने का ऑर्डर दे देता है .…....उधर रितिका ....दोनो को  साथ देखकर पूरी गुस्से में आ गई होती पर फिर भी गुस्सा कंट्रोल करके कहती है ,)

रितिका - मैं आज रात क्या अवनी के साथ सो सकती हु ?
ऋषभ -( खाते हुए ) नही .....
रितिका - ( प्यार से ) पर मुझे अकेले सोने में डर लगता है .....
संजना - ( खुश होकर ) आप मेरे साथ सो लेना .....मैं बहुत ब्रेव हु आप मेरे साथ सेफ रहोगे ....
नैंसी  - ये सही कहा तुमने ( रितिका से ) संजना सच में बहुत ब्रेव है....

(देव बीच में ही )
देव - बस बस बहुत हो गई तारीफे ...मेरा दम घुट रहा है ...
संजना -( घूरते हुए ) अच्छा खासा मौका था...... तुम्हे उसी पहाड़ी से धक्का मार देती तो देव नाम की बला से छुटकारा मिल जाता है ....

नैंसी -( धीरे से ) शुरू हो गए अब ये दोनो .....
( फिर देव कहता है) 
देव - अच्छा अभी डिनर कर लेते है बाद में लड़ लेंगे ...
संजना - हां ...पर इस बार मैं तुम्हे तकिए से मारूंगी .....
देव - नहीं मुझे तकिए से नही पीटना.....
संजना - क्या यार ...अच्छा डंडे से चलेगा क्या ?
देव - नहीं नही .....वो भी नही .....हां आज तुम्हारे सर के बाल उड़ा दूंगा ....
संजना - और फिर तुम्हारे सर का क्या होगा 🙄…...टकला कर दूंगी रात भर में तुम्हे मै ...
देव - नही यार ये भी सही नही है ......( खुश होकर ) हां मैं तुम्हे छत से धक्का मार दूंगा ....
संजना - और मैं मरने के बाद तुम्हे अपने साथ ले जाऊंगी और तेल में तल दूंगी .....

( उन दोनो की ऐसी खतरनाक बक बक सुनकर सब हैरान हो जाते है तभी रितिका कहती है )

रितिका - तुम दोनो पागल हो क्या ?😮
देव - ( खाते हुए ) किसी पागल ने मूड खराब कर दिया सबका इसलिए हम दोनो ठीक करने की कोशिश कर रहे .......
रितिका - ( तिरछी नजरों से ) कौन है ?
( देव मुस्कुराते हुए कोई जवाब नही देता है वही सब उसे देखकर मुस्कुरा देते है की तभी आदि कहता है )

आदि -( ऋषभ से ) तुमने खा लिया है तो मुझे कुछ बात करनी है ...
ऋषभ - हम्मम्म....
( ऋषभ फिर खाना फिनिश करने के बाद उठ जाता है और आदि के साथ स्टडी रूम में चला जाता है ...उसके जाने के बाद रिया भी उनके पीछे चली जाती है ....

स्टडी रूम 

अंदर रूम में रिया और आदि एक साथ खड़े होते है और ऋषभ उनके सामने तो वो कहता है ,
आदि - हम दोनो को ही तुमसे कुछ कहना है ...
ऋषभ -( बैठने का इशारा करके ) रितिका के बारे में ना ?
रिया - हां .....उस लड़की को अवनी से दूर रखना ...मुझे नही अच्छी लगी वो नक्चड़ी ...
आदि -( हंसते हुए ) ये वर्ड कब सीख लिया ....खैर ऋषभ बस यही कहना था कल वो लड़की यहां नही होनी चाहिए ....
ऋषभ - हम्मम विहान ने बताया वो कंपनी के काम के लिए आई है अमेरिका से .....फिर चली जायेगी ...
आदि - जाए .....पर मेरी अवनी उसकी वजह से डिस्टर्ब नही होनी चाहिए .....
रिया - आज जिस तरह से उसने बाहर कहा.....मेरा मन तो कर रहा था  की उसके बालों को नोच लूं ...

( दोनो उसकी तरफ देखते है और हंसने लगते है की रिया घूरते हुए कहती है )

रिया - दोनो क्यों हंस रहे हो ?🙄
ऋषभ - संजना का असर हो रहा तुम पे .......
रिया - अच्छा ही है......( आदि की तरफ देखकर ) ज्यादा कोई नौटंकी करेगा तो उसे सबक सिखाने के लिए ठीक रहेगा ....
आदि - अरे मैने क्या किया 😒
ऋषभ - शांत शांत ....और आदि , अवनी मेरे साथ सेफ है .......रितिका कल यहां से चली जायेगी …..
आदि - ऋषभ ....मैने जो दिखा वो तुमने नही देखा क्या ?
ऋषभ - क्या ?
आदि - दूरी बनाकर रखो उससे ....
( और फिर आदि जाने लगता है तो ऋषभ कहता हैं)
ऋषभ - कल हमे फार्म हाउस जाना है दीपक से मुलाकात करने .....
रिया - मुलाकात नहीं मुक्का लात होगी .....मैं भी चलूंगी .
ऋषभ - तुम क्यों ?
रिया - उसकी वजह से आदि जी को फूड पॉइजनिंग हुई 😕 मैं नहीं छोड़ूंगी .....
आदि - हां हां ठीक चलते है अब ..
( वो रिया का हाथ पकड़े हुए ही कमरे में चला जाता है )

इधर हॉल में रितिका बैठी होती है .....अवनी पहले ही खुशी के साथ अपने कमरे में जा चुकी होती है .....विहान ... ट्विंकी को उसके कमरे में छोड़ने जा रहा होता है तो पीछे से आनंद कहता है ,

आनंद - वैसे आप दोनो साथ में रह सकते हो ...
विहान - हम लोग साथ में ही तो है ....
आनंद - मेरा मतलब ....( ट्विंकी से ) तुम भाई के साथ सो जाओ ....अकेले रूम में क्या करोगी ...
विहान - खिसक लो अपने कमरे में …....
आनंद - मैं कुछ गलत थोड़े कह रहा 😏.....भाई ऐसे ही प्यार बढ़ेगा ...अब आदि भाई और रिया भाभी भी तो साथ रहते है तो .....
( तभी पीछे से खुशी उसके कान मरोड़ लेती है और खींचते हुए कमरे की तरफ बढ़ जाती हैं .....उसे जाते देख दोनो हंसने लगते है की ट्विंकी कहती है )

ट्विंकी - वैसे मैं आपके रूम में आ सकती हु .....मतलब मुझे अकेले सोने की आदत नही है ...वहां डलहौजी में भी मैं बहुत सारे टेडीज के साथ सोती थी 😐....
विहान - ( उसे अपनी तरफ खींच के ) मतलब मुझे टेडी बनना होगा ....
ट्विंकी - ( थोड़ा दूर होके ) नहीं ......मैं चली जाती हूं अपने रूम में .....
( और फिर ट्विंकी जाने लगती है तो विहान उसे अपने करीब खिंच लेता है और अपनी बाहों में भरके कहता है )
विहान - सॉरी मैं प्रपोज करने में कुछ ज्यादा टाइम लगा दिया....
( ट्विंकी उसकी तरफ़ देखकर थोड़ा शर्मा रही होती है फिर भी हंसते हुए कहती है )
ट्विंकी - सर प्रपोज मैने किया है .....आप तो मिस्टर शाय बनकर घूम रहे थे...
विहान -( आंखे छोटी करके ) सर .....
ट्विंकी - हम्मम सर ....
विहान - ( उसके चेहरे के करीब होकर ) अब बोलिए मिस्टर शाय ....
( ट्विंकी उसके ऐसे करने पर अपनी आंखे बंद कर लेती हैं और उसकी सांसे महसूस कर रही होती है की तभी रितिका उन दोनो की तरफ तकिया चलाकर कहती है )
रितिका - विहान तुम्हे रोमांस करना है तो अपने कमरे में जाकर करो ना, मेरे सामने क्यों ??

( उसके ऐसे कहने से ट्विंकी उसकी तरफ देखती है और विहान की बाहों से निकलने लगती है की विहान उसे गोद में उठा लेता है और " गुड नाइट रितिका बोलकर " कमरे में चला जाता है ............उसके जाने के बाद संजना रितिका को अपने कमरे में लेकर चली जाती है जहां पर दोनो बेड के बीच में तकिया रख देती और रितिका खुद से भुनभुनाती है " कहा फंस गई मैं "

ऊपर आनंद के कमरे में ,

खुशी उसका कान खिंच के लाई होती है और उसे सोफे पर बिठाकर खुद बेड पर लेट जाती हैं तो आनंद उसके बगल में लेट कर कहता है ,
आनंद - क्या हुआ ?
खुशी -( दूसरी तरफ चेहरा किए हुए ही )कुछ नही हुआ .....
आनंद - ( उसका चेहरा अपनी तरफ करके ) झूठ मत बोला करिए बस ....अब बस बताओ क्या हुआ ?
खुशी - वो रितिका आज कुछ ज्यादा ही बोल गई ....
आनंद - वो पागल है ......और कुछ दिनों में वो पागल चली जायेगी ....
खुशी - वो अवनी  को अजीब तरह से देख रही थी ....मेरा तो मन कर  रहा था की उसकी नजरे निकाल लू ...
आनंद - वो भाई को पसंद करती थी .....तो शायद अब उन्हे किसी और के साथ देख ली है तो ( हंसते हुए ) थोड़ी पागलों वाली हरकत कर रही ....😂😂
खुशी - उसे जीजू से दूर रखना वरना सच कह रही कुएं में डाल दूंगी ...
आनंद - असर हो रहा है आप पर संजना का ....
खुशी - ठीक है अच्छा है ....
आनंद - ( थोड़ा सीरियस होकर ) हे सुनिए ...भाई के लाइफ में कोई दूसरी लड़की नहीं आ सकती और वो रितिका ....उसे तो मैं कल ही यहां से दफा कर दूंगा ....( उसका चेहरा अपनी तरफ करके) चलो अब हंस भी लो ......
( खुशी उसे पकड़ कर  मुस्कुरा देती है तो आनंद उसे अपने करीब कर लेता है और उसके होठों को चूम लेता है और फिर लाइट ऑफ करके खुशी को पकड़े हुए ही सो जाता है ).......


दूसरी तरफ ऊपर कमरे में ,

अवनी अपने बेड पर बैठी होती है थोड़ी देर बाद ऋषभ आता है और कहता है ,
ऋषभ - मेडिसिन ली ....
अवनी - हम्मम....
ऋषभ - ठीक है ....
( और फिर वो लैपी ऑन करके कुछ काम करने लगता है थोड़ी देर बाद देखता है की अवनी अभी भी बैठी हुई है तो वो काम बंद करके उसके पास जाता है और कहता है )
ऋषभ - क्या हुआ ?
अवनी - कुछ नही ......सो जाइए गुड नाइट ...
ऋषभ - नहीं एक मिनट .....मुझे आपसे कुछ पूछना है ...
अवनी -( उसकी तरफ़ देखकर ) क्या ?
ऋषभ - एक बार फिर से आपकी फैमिली के बारे में .......
अवनी - आप गूगल पर चेक कर लिजिए मिस्टर  राजवीर के बारे में पता चल जायेगा .....
ऋषभ - नही ....वहां ज्यादा इन्फॉर्मेशन नहीं है ....
अवनी - क्या पूछना है?
ऋषभ - आपकी फैमिली में कौन कौन है ?
अवनी - ( सामने देखते हुए ) मां ,पापा , दादा ,दादी ....
ऋषभ - आप इतनी छोटी थी तो अकेले घर से भाग आई शीला आंटी के पास ?
अवनी - नही ....ड्राइवर अंकल ने पहुंचाया था ....( दुखी होते हुए ) उन्हे पता था रेखा मां का बिहेवियर .....
ऋषभ - ( उसका चेहरा अपनी तरफ करके) मित्र जी ये बताइए रेखा मां की शादी हुई थी तो वो अकेले आई थी ?
अवनी -( घूरते हुए ) ये आप क्यों पूछ रहे ?
ऋषभ - (उसके कंधे पर हाथ रखकर ) अरे बिडू दोस्त हु आपका ....इतना तो बता ही सकते हो ?
अवनी - ( सामने देखते हुए ) मां अकेले नही आई थी जहा तक मुझे याद है .....( प्यार से ) उनके पास एक बेबी भी था .....

( ऋषभ उसकी बात सुनके हल्का सा मुस्कुरा देता है , तभी देखता है की अवनी के आंखो में आंसु आ गए है वो .फिर कहती है ) 

अवनी -  मां मुझे उसके पास नही जाने देती थी .....( ऋषभ का हाथ पकड़कर ) मैं उसके पास जाती थी तो मां उसे मुझसे दूर कर देती थी और डांट देती थी ....फिर उन्होंने पापा से  मुझे दूर करने के लिए बात की ......

( फिर वो आगे कुछ नही कह पाती है थी ऋषभ कहता है )
ऋषभ - आप इतनी छोटी थी .....मां ने ऐसा कैसे सोच लिया ..
अवनी - वो मुझसे प्यार नहीं करती थी ..... पापा भी नही .....कोई भी नही करता ...सिवाय मेरे विवेक - परी से ...
( ऋषभ  उसके सर पर हाथ सहला कर कहता है  )
ऋषभ - आप ऐसा मत कहो की कोई प्यार नही करता ....आपके पास एक नही  4 फैमिली है ....सब आपसे प्यार करते हैं ......( धीरे से ) मै भी......
( अवनी बिना कुछ कहे वही लेट जाती है ऋषभ का हाथ पकड़े हुए ही तो वो लाइट ऑफ करता है और उसके माथे को चूम के उसके बगल में ही लेट जाता है )....



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- उम्मीद है आप लोगो को कहानी पसंद आ रही होगी ...मैं अपनी कहानी में हर एक पात्र का सीन दिखाऊंगी 😊❤️ पता ही नहीं क्यो अगर बाकी लोगो को न लिखो तो फील नही आता कहानी का इसलिए उम्मीद है आपको ये अच्छा लगेगा पढ़कर और आज 3 भाग डाले है तो 👌अपना व्यू भी जरूर बताइएगा पढ़ने के बाद ।

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6 Comments

Punam verma

17-Aug-2022 08:05 AM

Very nice

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Pankaj Pandey

15-Aug-2022 08:39 AM

Bahut achhi rachana

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Abhinav ji

14-Aug-2022 08:50 AM

Very nice👍

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